धार्मिक लोग ईश्वर से डरते हैं ?????????????????
मेरा मानना है कि इनको ईश्वर का कोई खौफ नहीं होता, इनको सबसे बड़ा खौफ होता है अपने ही किये गये गुनाहों का | और अपने गुनाहों से इतने बुरी तरह खौफज़दा होते हैं कि मज़हब के ठेकेदारों के गुलाम हो जाते हैं | शायद इनको उम्मीद होती है कि ये ठेकेदार ही कयामत के दिन इनकी पैरवी करेंगे वकीलों की तरह और वकीलों की तरह झूठी गवाही और फर्जी दस्तावेज दिखाकर खुदा की अदालत में भी इनको सजा से बचा लेंगे |
और शायद यही कारण है कि ये धर्मो के ठेकेदार खुद को शहंशाह समझ बैठते हैं और आये दिन उलुल-जुलूल फतवे निकालते रहते हैं |
मैं नहीं जानती कि फतवे का वास्तविक मतलब क्या होता है, लेकिन यही समझ में आता है कि यह कुछ वैसा ही होता है जैसा राजा का आदेश...न मानने वाले को सजा-ए-मौत ........................!!!
यानि ये लोग खुदा से ऊपर हो गये ?????????
अपने गुनाहों से इतने खौफज़दा क्यों हैं आप लोग ??????????????
दुनिया में ऐसा कौन है जिससे कोई गुनाह जाने अनजाने न हुआ हो ???????????????
ये धर्मो के ठेकदार राजनेताओं के साथ मिलकर खुद इतने गुनाह करते हैं कि खुदा भी हिसाब किताब रखते रखते पक जाता होगा | सबसे बड़ा गुनाह जो ये लोग करते हैं, वह है धर्म के नाम पर नफरत फैलाना |
खुदा ने कोई भेदभाव नहीं किया किसी से...लेकिन ये लोग खुदा के खिलाफ जाकर ही गैर मजहबी लोगों के खिलाफ नफरत घोलते हैं | और जब इतना बड़ा गुनाह करने के बाद भी खुदा इनको कोई सजा नहीं देता...तो फिर मुझे नहीं लगता कि आप लोगों ने कोई इतना बड़ा गुनाह किया होगा |
बहुत ज्यादा से ज्यादा टैक्स चोरी की होगी, इंटरव्यू में झूट बोला होगा, घर में बीवी को झूठ बोला होगा, किसी कि पाकेट मार ली होगी, किसी के साथ ठगी की होगी...ये सब तो अब आम बात है और सारे नेता और धर्मो के ठेकेदार इसे योग्यता ही मानते हैं | जनता भी ऐसे लोगों को ही अपना नेता चुनकर सत्ता सौंपती है |
इसलिए गुनाहों के बोझ से खुद को आजाद कीजिये और खुदा के दिखाए रस्ते पर चलिए, न कि नफरत फ़ैलाने वाले धर्मो के ठेकेदारों के कहने पर |

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